कीटो डाइट एक ऐसा तरीका है जिससे आप अपनी सेहत को बेहतर कर सकते हैं। कीटो डाइट दरअसल में कम कार्ब्स, और अधिक फैट वाली डाइट है जिससे कई प्रकार के हेल्थ बेनेफिट्स होते हैं। डॉक्टर्स के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार कीटो डाइट से आप अपने वजन को कम करने में भी मदद पा सकते हैं। इस डाइट से सिर्फ वजन ही नहीं बल्कि आप डायबिटीज, कैंसर, एपिलेप्सी, और एल्जाइमर्स से भी निजात प्राप्त कर सकते हैं।
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कीटो डाइट को काफी प्रभावशाली माना जाता है और इसके बारे में काफी चर्चा भी हुई लेकिन इस दौरान ये बात समझना जरूरी है कि यदि आपके पास पूरी जानकारी ना हो तो ये डाइट आपके लिए परेशानी का सबब भी बन सकती है। कीटो डायट के कारण आप कार्बोहाइड्रेट का इस्तेमाल कम कर देते हैं और उसकी जगह फैट का इस्तेमाल बढ़ जाता है। इस बदलाव के कारण आपका शरीर एक अलग स्थिति में चला जाता है जिसे कीटोसिस कहा जाता है।
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कीटो डाइट के दौरान किस तरह का प्रभाव एवं बदलाव होता है
कीटो डाइट के दौरान आपका शरीर ऊर्जा के लिए फैट को बर्न करने लगता है और इस दौरान लिवर में फैट को कीटोन्स में बदलने लगता है जिससे दिमाग को ऊर्जा प्राप्त होती है। इसकी वजह से ब्लड शुगर और इन्सुलिन लेवल में भी बदलाव होता है जो आपकी सेहत के लिए लाभकारी होता है।
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इस समय कई प्रकार की कीटोजेनिक डाइट का इस्तेमाल किया जाता है और सभी को सेहत के अनुसार ही इस्तेमाल में लाया जाता है। इनमें स्टैण्डर्ड, सिक्लिकल, टार्गेटेड, और हाई प्रोटीन कीटोजेनिक डाइट शामिल है। केटोसिस के दौरान आपका शरीर फैट को बर्न करता है जो आपके शरीर की सेहत के लिए बेहतर है। यदि आपको अधिक प्यास, सूखा मुँह, जल्दी यूरिनेशन या कम भूख लगने लगी है और आप कीटो डाइट पर हैं तो ये अच्छे संकेत हैं।