अगर आप कपालभाति (Kapaalbhati) करते हैं तो आप भस्त्रिका (Bhastrika) को बड़े आराम से कर सकते हैं। भस्त्रिका और कपालभाति एक तरह से एक दूसरे के पूरक हैं। कपालभाति हो या भस्त्रिका, दोनों में ही साँसों पर ध्यान देना होता है और एक में जहाँ आराम से सांस ली जाती है वहीं अगर आप सक्षम हैं तो आप भस्त्रिका में तेजी से सांसें ले सकते हैं।
भस्त्रिका को कितनी आसानी से किया जा सकता है इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि आप एक मिनट में सौ बार इस आसन को कर सकते हैं। ये एक ऐसी प्रक्रिया है जिससे आप एक साथ कई अंगों पर काम कर रहे होते हैं। पेट, और पीठ के साथ साथ ये कई अन्य अंगों पर भी काम करता है।
भस्त्रिका प्राणायाम करने का तरीका और फायदे: Method to do Bhastrika Pranayama and its benefits
अपने हाथों को जाँघों पर रखें और पीठ को सीधी रखें (Keep your hands on the thighs and your back straight)
हाथों को जाँघों पर इसलिए रखा जाता है ताकि आप पूरी तरह से रिलैक्स महसूस करें। शरीर में अगर कोई अंग हवा में होगा तो आपके दिमाग को अपनी ताकत का एक हिस्सा उसको सुचारु रखने में लगाना होगा। वहीं अगर हाथ आराम से होंगे तो दिमाग को भी आराम मिलेगा। पीठ इसलिए सीधी रखी जानी चाहिए क्योंकि पीठ के सीधे रखने से आप अच्छा महसूस करते हैं और ये एक अच्छी सेहत के लिए जरूरी है।
सांस को अंदर खीचें और अपना ध्यान सांस पर ले आएं (Breathe in and get your focus on the breathing)
योग साँसों के संभाल और मुद्राओं के धमाल का मिश्रण है। आप जब सांस अंदर खींचते हैं तो उस समय आपको एक अच्छा अनुभव होता है क्योंकि आपने एकदम से अपने फेफड़ों में हवा भर दी है। इस दौरान अगर आप अपना ध्यान साँसों पर लाएंगे तो आपके सर, गले, मुँह और ऊपरी हिस्से के अंगों को आराम मिलता है।
अगर सेहत मंजूरी दे तो इस प्रक्रिया को जल्दी जल्दी करें (If health permits, do it quickly)
सेहत को ठीक रखने के लिए आपको सांस को अंदर लेने के दस से बीस सेकेंड बाद उसे छोड़ देना चाहिए। अगर आप अधिक समय के लिए सांस को बिना बेवजह की परेशानी के रोक सकते हैं तो उससे बेहतर कुछ नहीं है। वहीं अगर आपकी सेहत मंजूरी दे तो इसे तेजी से करें, और अगर आप चाहें तो एक मिनट में सौ बार भी इस आसन को कर सकते हैं।
फायदे
- शरीर और दिमाग को ऊर्जा देता है (Energizes body and mind)
- फेफड़ों और अन्य अंगों में मौजूद कीटाणुओं को खत्म कर देता है (Removes toxins from lungs and other body parts)
- सायनस (Sinus), ब्रोंकाइटिस (bronchitis) और अन्य सांस से जुड़ी दिक्कतों को दूर करता है (Helps Cure Sinus, bronchitis and other respiratory issues)
कौन ना करें (Who should avoid Bhastrika Pranayam)
- गर्भवती महिलाएं (Pregnant Women)
- पेट भरा होने पर ना करें (Heavy or filled stomach)
- हाइपरटेंशन (Hypertension)
हाइपरटेंशन है या हर्निया (Hernia) या फिर आप हाल फिलहाल में ही ऑपरेशन (Operation) से बाहर आए हैं तो आपको इस आसन को बिल्कुल नहीं करना चाहिए। योग बीमारियों को बढ़ाने के लिए नहीं, उन्हें मिटाने के लिए मशहूर है। सेहत का ध्यान रखें और खुद पर काम करें।
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