अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करने वाले इशांत शर्मा तेज गेंदबाजी के दौरान अपने ऊंचे कद का भरपूर लाभ उठाते हैं। वह दाएं हाथ के मध्यम तेज गेंदबाज हैं, जो दाएं हाथ के बल्लेबाज के रूप में भी खेलते हैं।
उन्होंने 70 मैचों में 100 विकेट और 53 टेस्ट मैचों में 150 विकेट के आंकड़े को पार किया है। ऐसा करने वाले इशांत 11वें भारतीय गेंदबाज बने हैं। उन्होंने 2008-09 में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी और भारत में 2011 में हुई वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज में मैन ऑफ द सीरीज का खिताब जीता है।
उन्हें 2006-07 में दक्षिण अफ्रीका दौरे के लिए 18 साल की उम्र में ही भारतीय टीम में शामिल होने के लिए बुलाया गया था। हालांकि, बाद में उन्हें दौरे पर भेजने का निर्णय टाल दिया गया था।
मई 2007 में इशांत को बांग्लादेश दौरे के लिए टेस्ट टीम में चुना गया था। उन्हें तेज गेंदबाज मुनाफ पटेल की जगह पर मौका दिया गया था। उन्होंने दूसरे टेस्ट में खेला। वहां उन्होंने सिर्फ तीन ओवर फेंके, जिसमें एक मेडन और पांच रन दिए थे।
इशांत ने 25 मई 2007 को शेरे बांग्ला नेशनल स्टेडियम में बांग्लादेश के खिलाफ अपना टेस्ट डेब्यू किया था, जहां उन्हें एक विकेट मिला था। उन्होंने 29 जून 2007 को सिविल सर्विस क्रिकेट क्लब में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपना एकदिवसीय पदार्पण किया था।
2007 के अंत में भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर पर्थ टेस्ट मैच के दौरान ऑस्ट्रेलिया के रिकी पोंटिंग के खिलाफ ईशांत शर्मा की बेहतरीन गेंदबाजी की काफी चर्चा हुई थी। यह उनके करियर को बदलने वाली गेंदबाजी थी, जहां 19 साल के इशांत ने रिकी पोंटिंग को परेशान कर दिया था। उन्होंने रिकी पोंटिंग को ऑफ स्टंप के बाहर गेंदबाजी की और एक गेंद पर वह स्लिप पर कैच आउट हो गए थे।
इसके बाद हुई वनडे सीरीज में भी इशांत शर्मा ने अपना हुनर दिखाना शुरू किया। एक मैच में उन्होंने 153 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से गेंद फेंकी थी। उस सीरीज में इशांत 14 विकेट लेने के साथ भारत के प्रमुख गेंदबाज बन गए थे।
शानदार शुरुआत के बावजूद उनका निरंतर प्रदर्शन जारी नहीं रहा। 2008 के बाद उन्होंने 13 टेस्ट मैचों में 38 विकेट लिए। वहीं, उसके अगले दो साल में वह 15 टेस्ट मैच खेलकर सिर्फ 43 विकेट ही हासिल कर पाए।
2011 में उन्होंने फिर वापसी की और 12 टेस्ट मैचों में 43 विकेट लिए। इनमें दो बार पांच विकेट भी शामिल हैं। उन्होंने पुरानी लय में वापस आते हुए तीन मैचों में 22 विकेट लिए और सीरीज में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बने।
सीमित ओवरों के क्रिकेट में उनका प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा। शायद, इस दौरान उनकी सबसे खराब गेंदबाजी एक ओवर में 30 रन देने वाली थी। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2013 में मोहाली में वनडे मैच के दौरान जेम्स फॉकनर ने इशांत की जमकर धुलाई की और भारत जीतता हुआ मैच हार गया था।
उन्होंने कोलकाता नाइट राइडर्स, इंडिया रेड, दिल्ली, डेक्कन चार्जर्स, किंग्स इलेवन पंजाब, रेस्ट ऑफ इंडिया, इंडिया ए, नॉर्थ जोन, सनराइजर्स हैदराबाद, राइजिंग पुणे सुपरजाइंट और इंडिया ब्लू जैसी कई प्रतिष्ठित टीमों का सभी घरेलू टूर्नामेंटों में प्रतिनिधित्व किया है। हालांकि, इनमें से ज्यादातर टीमों के लिए वह लगातार तीन सत्रों में नहीं खेल पाए।
वह 2011 में 100 टेस्ट विकेट लेने वाले पांचवें सबसे युवा गेंदबाज हैं। 2013 में इशांत शर्मा दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेलते हुए 100 वनडे विकेट लेने वाले पांचवें सबसे तेज भारतीय गेंदबाज बने थे।
2008 में सीबी सीरीज के दौरान इशांत की गेंदबाजी को उनके बेहतरीन प्रदर्शनों में से एक माना जाता है। इस सीरीज में उन्होंने ज्यादातर 150 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी की थी।
एडिलेड में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उन्होंने 152.6 किमी प्रति घंटी की रफ्तार से गेंदबाजी की थी, जिसने उन्हें भारतीय टीम का एक प्रमुख गेंदबाज बना दिया। जवागल श्रीनाथ के बाद किसी भी भारतीय द्वारा डाली गई यह दूसरी सबसे तेज गेंद है।
Hindi Cricket News, सभी मैच के क्रिकेट स्कोर, लाइव अपडेट, हाइलाइट्स और न्यूज स्पोर्ट्सकीड़ा पर पाएं