प्रोफेशनल रेसलिंग करना बिल्कुल भी आसान बात नहीं है। अगर कोई ये समझता है कि प्रोफेशनल रेसलिंग करना आसान बात है तो वह गलत हैं। एक रेसलर बनने के लिए कितनी मेहनत करनी पड़ती यह शायद बताने की जरूरत नहीं है। प्रोफेशनल रेसलिंग में आज WWE एक बहुत बड़ा नाम है। हर रेसलर यहां सुपरस्टार बनने का सपना देखता है और कई रेसलर इसमें सफल भी होते हैं।
हालांकि सुपरस्टार बनने के लिए रेसलर को कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। इस दौरान उसे अपने करियर में कभी कभी गंभीर बीमारी और चोटों का भी सामना करना पड़ता है। पिछले साल मंडे नाइट रॉ के एपिसोड में WWE के वर्तमान में सबसे बड़े सुपरस्टार रोमन रेंस ने अपनी बीमारी के बारे में जिक्र किया। रोमन रेंस की इस घातक बीमारी का नाम ल्यूकीमिया (एक तरह का ब्लड कैंसर) था।
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रोमन रेंस के अलावा WWE में ऐसे कई लैजेंड रहे हैं जिन्होंने अपने करियर के दौरान गंभीर बीमारी का सामना किया। इसी कड़ी में हम बात करने जा रहे हैं उन 5 लैजेंड के बारे में जिन्होंने अपने करियर के दौरान गंभीर बीमारी का सामना किया।
#कमाला
साल 1984 में WWE फैंस ने पहली बार कमाला को देखा। इसमें कोई शक नहीं है कि वह आंद्रे द जाइंट के समय के सबसे दिग्गज सुपरस्टार थे। कमाला ने अपने करियर कई बड़े दिग्गज सुपरस्टार्स के साथ मुकाबले किए, जिनमें आंद्रे द जाइंट, हल्क होगन और अंडरटेकर शामिल थे।
कमाला का रियल नाम जेम्स हैरिस था जो रिंग में जेंटल जाइंट के नाम से भी जाने जाते थे। इसके कोई शक नहीं है कमाला का रेसलिंग करियर काफी शानदार रहा लेकिन 2011 में उन्हें हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज की बीमारी हो गई।
इस बीमारी के कारण कमाला का बांया पैर काटना पड़ा लेकिन उनकी बीमारी यही खत्म नहीं हुई। इसके अगले ही साल कमाला को दांया पैर भी कटवाना पड़ा। इस दौरान कमाला को कई बार अस्पताल में भर्ती होना पड़ा लेकिन उनकी जिंदगी के साथ जंग जारी है।
''सुपरस्टार'' बिली ग्राहम
WWE लैजेंड ''सुपरस्टार'' बिली ग्राहम ऐसे सुपरस्टार थे जो रिंग में अपने शानदार माइक कौशल के लिए जाने जाते थे। अपने करियर में WWE चैंपियन (उस समय WWWF) रहे ''सुपरस्टार'' बिली ग्राहम ने कई शानदार मुकाबले दिए जिसमें डस्टी रोड्स और बॉब बैकलन के साथ उनके मुकाबले काफी यादगार रहे।
बिली ग्राहम WWE में 296 दिनों WWE चैंपियन (उस समय WWWF) बने का रिकॉर्ड भी बना चुके हैं। ''सुपरस्टार'' बिली ग्राहम के WWE के साथ रिश्ते काफी उतार चढ़ाव भरे रहे। उन्होंने एक बार मैकमैहंस और उनकी कंपनी पर झूठे आरोप भी लगाए।
खैर इन सब के बीच ''सुपरस्टार'' बिली ग्राहम का साल 2002 में लीवर डैमेज हो गया जिसके बाद उनका लीवर ट्रॉसप्लांट किया गया। हालांकि साल 2012 में उन्हें एक बार फिर अस्पताल में भर्ती होना पड़ा और इस बार उन्हें लीवर से जुड़ी बीमारी हो गई। 75 साल के हो चुके बिली ग्राहम अभी भी जिंदगी की लड़ाई लड़ रहे हैं।
रिको कॉन्स्टेंटिनो
WWE में एक समय हुआ करता था जब कंपनी किसी को भी बिग पुश देने से पीछे नहीं हटती थी और इसी कड़ी में उन्होंने रिको कॉन्स्टेंटिनो की एंट्री कराई। रिको कॉन्स्टेंटिनो ने मेन रोस्टर पर काफी समय में अपनी जगह बना ली थी।
उनका मेन रोस्टर पर छोटा सफर लेकिन शानदार सफर रहा था। रिक फ्लेयर के साथ हुआ मुकाबला उनका सबसे यादगार मुकाबला था जिसमें उन्होंने जीत हासिल की थी। आपको यह जानकारी हैरानी होगी कि रिको कॉन्स्टेंटिनो, जॉन सीना के रियल टैग टीम पार्टनर भी थे।
साल 2004 में को कॉन्स्टेंटिनो को कंपनी से रिलीज कर दिया गया जिसके बाद वह दुनिया की नज़रों से अचानक गायब हो गए। रिको कॉन्स्टेंटिनो के दोस्त और पूर्व WWE डेवलपमेंट मैनेजर केनी बॉलिन ने उनके बारे में अपडेट दी कि वह बहुत बीमार है। उन्होंने बताया कि रिको कॉन्स्टेंटिनो को फेफड़े और हृदय संबंधी कई बीमारियों से जूझना पड़ रहा है।
बॉबी हीनन
रैसलिंग के सबसे बड़े दिग्गज में से एक और पूर्व WWE हॉल ऑफ फेमर बॉबी हीनन ने रेसलिंग की दुनिया में अपनी एक अलग ही पहचान बनाई थी। एक रेसलर के अलावा उन्हें रेसलिंग के सबसे शानदार मैनेजर के रूप में जाना जाता था। बॉबी हीनन करीब 4 दशक तक रैसलिंग से जुड़े रहे और उन्होंने खुद के बलबूते अपनी पहचान बनाई।
साल 2002 में यह रिपोर्ट सामने आई की बॉबी हीनन को गले का कैंसर है जिसके चलते उन्हें कई बार अपने जबड़े की कई बार सर्जरी करानी पड़ी। अपनी जिंदगी के दौरान उन्हें जबड़े के इंफेक्शन, टूटे हुए कूल्हे और गले के कैंसर से जूझना पड़ा।
यह काफी दुखद है कि बॉबी हीनन अब हमारे बीच नहीं रहे। 17 सितंबर 2017 को 73 वर्ष की उम्र में उनका निधन हो गया। अपने जीवन के आखिरी दिनों में बॉबी हीनन को तमाम बीमारियों का सामना करना पड़ा था। उनके निधन से पूरा WWE यूनिवर्स दुखी था।
बिग वैन वेडर
प्रोफेशनल रेसलिंग के इतिहास में बिग वैन वेडर का नाम लंबे समय तक याद रखा जाएगा। बिग वैन वेडर उन चुनिंदा रेसलर्स में से एक थे जो फैंस को एरीना में लाने का दमखम रखते थे। तीन बार के WCW हैवीवेट चैंपियन बिग वैन वेडर को विंस मैकमैहन कंपनी में लाना चाहते थे और सबसे बड़े हील के रूप में बनाना चाहते थे।
हालांकि विंस मैकमैहन का यह प्लान सफल नहीं हुआ। इसके पीछे 90 के दशक में बैकस्टेज कुछ ऐसी चीजें हुई जिससे बिग वैन वेडर ने कंपनी छोड़ दी। इसके बाद वेडर लगातार रेसलिंग करते रहे लेकिन नवंबर 2016 में उन्होंने इस बात की जानकारी दी उन्हें दिल से संबंधित बीमारियां हैं लेकिन वह अपनी आखिरी सांस तक रेसलिंग करेंगे।
आखिरकार अपनी बीमारी से लड़ते हुए 18 जून 2018 को वह जिंदगी की जंग हार गए और 63 साल की उम्र में उनका निधन हो गया।