पिछले कुछ सालों पर गौर किया जाए तो WWE के साथ सबसे बड़ी समस्या यह रही है कि कंपनी नए सुपरस्टार्स तैयार करने में नाकाम रही है। टाइटल कुछ चुनिंदा रैसलर्स के इर्द-गिर्द ही घूमते रहते हैं। क्रिएटिव टीम की नाकामी के चलते ही काफी सुपरस्टार्स कंपनी छोड़ने की मांग उठा चुके हैं।
रॉबर्ट रूड, EC3, एरिक यंग और शिंस्के नाकामुरा जैसे सुपरस्टार्स ने WWE में आने के बाद संघर्ष के अलावा कुछ नहीं किया है। ये सभी अब ऐसी स्थिति में आ पहुंचे हैं जहां से इनका टॉप-कार्ड डिवीज़न में शामिल होना असंभव प्रतीत होता है।
इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि WWE मौजूदा समय में कुछ चुनिंदा सुपरस्टार्स पर इतनी निर्भरता दिखा रही है कि अन्य रैसलर्स ऐसी रणनीतियों से से खुश नहीं हैं।
इस आर्टिकल में हम उन्हीं पांच सुपरस्टार्स का नाम आपके सामने रखने वाले हैं जिन पर विंस मैकमैहन और उनके साथी बहुत ज्यादा निर्भर हैं।
# ट्रिपल एच
ट्रिपल एच WWE के सीओओ हैं और जरूरत पड़ने पर नियमित रूप से रिंग में फाइट भी करते रहते हैं। पिछले बीस सालों में उन्होंने WWE के लिए बहुत कुछ किया है, फिर चाहे वो एक रैसलर के रूप में या फिर अथॉरिटी के रूप में हो।
वो NXT में एक से बढ़कर एक टैलेंट्स तैयार कर रहे हैं, जिससे मेन रोस्टर को रैसलर्स की कमी ना हो। रैसलमेनिया 35 को याद करें तो द गेम और बतिस्ता के बीच लड़ा गया मैच शो का सबसे लम्बा मैच था। यदि कोई फुल-टाइम सुपरस्टार रैसलमेनिया में सबसे लम्बा मैच लड़ता तो शायद इसे इतनी अधिक आलोचनाओं का शिकार ना होना पड़ता।
WWE यूनिवर्स को यह बिल्कुल पसंद नहीं आया कि 50 साल की उम्र के रैसलर 25 मिनट तक अपने स्लो मूव्स से फैंस के मन में ऊब पैदा करते रहे।
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# द अंडरटेकर
इस बात को नकारा नहीं जा सकता कि द अंडरटेकर WWE के सबसे महान सुपरस्टार्स में से एक रहे हैं। 1990 सर्वाइवर सीरीज़ में हुए डेब्यू के बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा है और सफलता लगातार उनके कदम चूमती रही।
टेकर सात बार के वर्ल्ड चैंपियन, छः बार WWE टैग टीम चैंपियन और रॉयल रंबल विनर भी रहे हैं। अब उनकी उम्र 54 के पार हो चुकी है, फिर भी विंस मैकमैहन उन्हें आराम देने के मूड में तो बिल्कुल नहीं हैं।
कुछ लोगों का मानना है कि उन्हें रैसलमेनिया 33 में मिली रोमन रेंस के खिलाफ हार के बाद रिटायर हो जाना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं हुआ। वो रैसलमेनिया 34 में एक बार फिर वापस आए जहां जॉन सीना के साथ उनका मैच पांच मिनट तक भी नहीं रह पाया। WWE भी यह समझती है कि इस रैसलर की उम्र अब काफी हो चुकी है। इसलिए उन्हें छोटे मैचों का हिस्सा बनाया जा रहा है।
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# शार्लेट फ्लेयर
अपने छोटे से करियर में शार्लेट नौ बार की WWE विमेंस चैंपियन रह चुकी हैं। दिग्गज रैसलर रिक फ्लेयर की बेटी साल 2015 से ही WWE का एक अभिन्न हिस्सा बनी हुई है। इस बात में कोई दोराय नहीं है कि शार्लेट एक बेहतरीन एथलीट है, इसी कारण उन्हें रैसलमेनिया 35 के मेन इवेंट का हिस्सा बनने का मौका मिला था।
अब फैंस को भी यह बात समझ आने लगी है कि शार्लेट को कंपनी की मुख्य विमेन सुपरस्टार बनाने के चक्कर में WWE ने कई अन्य रैसलर्स की अनदेखी की है। रोस्टर में असुका और एम्बर मून जैसे टैलेंटेड एथलीट भी शामिल है, लेकिन द क्वीन को टॉप पर पहुंचाने के चक्कर में इन सभी की अनदेखी की गई है।
यह शार्लेट को टॉप पर पहुंचाने का ही दौर था जब बेली और साशा बैंक्स को टैग टीम डिवीज़न में धकेल दिया गया। WWE फैंस अच्छी तरह से जानते हैं कि ये दोनों वन-ऑन-वन मैचों में कितनी अच्छी हैं।
# रोमन रेंस
इस लिस्ट में रोमन रेंस का नाम शामिल ना हो तो इस आर्टिकल का ही कोई मतलब नहीं बनता। लगातार पांच साल से द बिग डॉग WWE के सबसे मुख्य सुपरस्टार्स में से एक है।
टॉप पर पहुंचने के सफर में फैंस द्वारा ना जाने उन्हें कितनी बार बू भी किया गया है, लेकिन WWE पर इसका कोई असर नहीं पड़ा। विंस मैकमैहन रोमन को टॉप पर देखना चाहते थे और वो आज टॉप पर है।
पिछले चार सालों से लगातार कंपनी उन्हें एक के बाद एक पुश देती आई है। इस सफर में कुछ ऐसे टैलेंटेड सुपरस्टार्स का करियर दलदल में धंसता चला गया जो रोमन से बेहतर साबित हो सकते थे।
इसी रणनीति का शिकार फिलहाल मैकइंटायर भी हो रहे हैं। हम ये नहीं कह रहे कि मैकइंटायर WWE का चेहरा बनकर सामने आ सकते हैं लेकिन यदि उन्हें निरंतर मौके दिए गए होते तो वो आज कंपनी के सबसे बड़े हील सुपरस्टार की भूमिका निभा रहे होते।
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# ब्रॉक लैसनर
ब्रॉक लैसनर को इस सदी के सबसे बेहतरीन एथलीट्स में से एक माना जाता है। उन्होंने सफलता का सफर तय करने के लिए कितनी मेहनत की है, वो केवल लैसनर ही जानते हैं।
आपको याद दिला दें कि रैसलमेनिया 20 में मिली गोल्डबर्ग के हाथों हार के बाद द बीस्ट ने WWE छोड़ने का फैसला लिया था। फिर वो UFC चैंपियन भी बने और सालों बाद यानी 2012 में उनकी WWE में वापसी हुई।
यह भी एक कड़वा सच है कि WWE की व्यूअरशिप पिछले कुछ सालों में रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ पहुंची है और इसका सबसे बड़ा कारण लैसनर का यूनिवर्सल चैंपियनशिप सफर रहा था। हाल ही में मनी इन द बैंक लैडर मैच में मिली जीत दर्शाती है कि WWE लैसनर पर कितनी निर्भर करती है। सच्चाई यह है कि फैंस लैसनर को चैंपियन के रूप में देखते-देखते दुखी हो गए है।
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