चक्रासन हो या योग का कोई भी आसन, ये सभी आपकी जिंदगी को बेहतर बना सकते हैं। सेहत से बढ़िया चीज इस दुनिया में कुछ नहीं है क्योंकि अगर आप निरोगी काया के मालिक हैं तो आपसे अधिक धनी इस दुनिया में कोई नहीं है। आपके शरीर के लिए चक्रासन कितना जरूरी है वो आप आगे जानने वाले हैं।
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चक्रासन ना सिर्फ रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाकर रखता है बल्कि इससे आपको साँस से जुडी परेशानियों में भी आराम देखने को मिलता है। इसको करने से आप अपनी आँखों से जुड़ी परेशानी को भी दूर कर सकते हैं। ये एक बड़ा कारण है कि सर्वाइकल और स्पोंडोलाईटिस सरीखी बीमारियों से जूझ रहे लोगों को डॉक्टर चक्रासन करने की सलाह देता है।
चक्रासन में आपको अपने शरीर को अर्ध चक्र वाली स्थिति में ले आना होता है। इसके कारण आपके घुटनों, कंधों, लंग्स (फेफड़ों) पर असर होता है और उनमें खिंचाव महसूस होता है। ये आपके इन अंगों में आ रही दिक्कत को भी ठीक कर देता है। आइए आपको बताते हैं कि चक्रासन कैसे करना चाहिए।
चक्रासन कैसे करें
पीठ के बल लेट जाएं
आप अपनी पीठ के बल लेट जाएं और अपने पंजों को कूल्हे के पास लाएं। इस समय आपका शरीर जमीन या योग मैट पर होना चाहिए। इसके बाद आप अपने हाथों को जमीन पर रखें लेकिन उसमें हथेलियाँ जमीन की तरफ होनी चाहिए। अब खुद को ऊपर उठाएं लेकिन इस दौरान आपकी हथेलियाँ एवं पंजें जमीन पर ही होने चाहिए।
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शरीर में महसूस करें स्ट्रेच
ऐसा करते ही आपका शरीर एक अर्थ चक्र वाली स्थिति में आ जाएगा और आपको अपने शरीर के कई अंगों में एक खिंचाव महसूस होगा। इसको करते समय ये ध्यान रखें कि आप खुद को अधिकतम स्तर तक ऊपर उठाएं। ये बात ध्यान रखें कि योग आपके स्वास्थ्य को रखे ठीक और काया को निरोग।
नीचे आएं लेकिन क्रम दोहराएं
जब आपको ऐसा करते समय ये महसूस हो कि आप इसे अब मौजूदा समय में और नहीं कर सकते हैं तो धीमे धीमे शरीर को नीचे लाएं। इस क्रिया को तीन से चार बार करना चाहिए पर अगर आप हर्निया, दिल, ब्लड प्रेशर के मरीज हैं या आप प्रेग्नेंट हैं तो इस आसन को बिल्कुल भी ना करें।
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