मखाने की ज्यादातर खेती बिहार के मिथिलांचल में होती है। देश में मखाने की अस्सी प्रतिशत खेती यहाँ होती है। इसे तालाब और झील के शांत पानी में उगाया जाता है। ये पूरी तरह से ऑर्गेनिक होते हैं क्योंकि इनको उगाने के लिए आपको किसी केमिकल फर्टिलाइजर की जरूरत नहीं होती है जो एक अच्छी बात है।
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इसका सेवन कई बीमारियों से बचने और खुद को फिट रखने के लिए किया जा सकता है। अगर आप इसकी अधिक मात्रा भी खा लेंगे तो उससे आपको कोई परेशानी पेश नहीं आएगी जो एक अच्छी बात है। पेट के लिए भी ये लाभकारी होता है और इसको आप चाय के साथ भी खा सकते हैं।
इसके बीजों को दिसंबर से जनवरी के बीच बोया जाता है और अप्रैल में इसमें फूल आने लगते हैं। जुलाई आते आते इसके फूल पानी पर तैरने लगते हैं लेकिन इसका अर्थ ये नहीं है कि मखाना तैयार हो गया है। मखाने का फल कांटेदार होता है और अक्टूबर तक आप इसको बाहर लाकर बाजार में बेच सकते हैं।
मखाना के 3 फायदे
एंटी-एजिंग होता है मखाना
आज कल की भाग दौड़ भरी जिंदगी में उम्र के प्रभाव हमारे शरीर की त्वचा पर समय से पहले दिखने लगते हैं। इसमें प्रदूषण का एक अहम योगदान है। आप चाहें तो एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर मखाने को अपने खाने में शामिल करके अपनी बढ़ती उम्र के लक्षणों को हटा सकते हैं जो एक अच्छी बात है।
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वजन को कम करने में मददगार
वजन कम करना चाहते हैं तो आज ही मखाने को अपने खाने में शामिल कर लें। चूँकि ये पूरी तरह से ऑर्गेनिक है तो आपको इसके कारण किसी भी खराब चीज के बढ़ने का ख्याल मन से निकाल देना चाहिए। आप वजन कम करने के लिए इसको इस्तेमाल कर सकते हैं और उससे आपको लाभ भी मिलेगा।
ब्लड प्रेशर रहे नियंत्रित
शरीर में ब्लड प्रेशर अगर अनियंत्रित हो जाता है तो उससे आपकी सेहत खराब हो जाएगी। ऐसे में आपको अपना ध्यान रखना चाहिए और मखाने का सेवन शुरू कर देना चाहिए। ये आपके ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखता है जिससे आपको किसी भी प्रकार की परेशानी पेश नहीं आती है।
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