ब्रॉक लैसनर हाल ही में एक्सट्रीम रूल्स पीपीवी में मनी इन द बैंक कॉन्ट्रैक्ट कैश-इन कर रिकॉर्ड तीसरी बार डब्लू डब्लू ई (WWE) यूनिवर्सल चैंपियन बने हैं। ऐसा कहना गलत नहीं होगा की द बीस्ट द्वारा पिछली 2 बार यूनिवर्सल टाइटल जीतना और इस बार चैंपियन बनने में काफी फर्क है।
अब WWE उन्हें 500 दिन तक चैंपियन बनाए रखने की स्थिति में तो बिलकुल नहीं है इसलिए एक्सट्रीम रूल्स की रात के बाद से ही सवाल खड़े होने लगे थे कि अब उन्हें कौन चैलेंज करने वाला है। मौजूदा परिस्थितियों पर नजर डालें तो बॉबी लैश्ले का नाम सबसे ऊपर लिया जा रहा है।
निःसंदेह ब्रॉक लैसनर बनाम बॉबी लैश्ले एक ऐसा मैच है जिसका फैंस काफी लंबे अरसे से इंतज़ार कर रहे हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए इस आर्टिकल में हम ऐसे 3 कारण आपके सामने रख रहे हैं जो बताते हैं कि क्यों यह मैच जरुर होना चाहिए और 2 ऐसे जो दर्शाते हैं कि यह नहीं होना चाहिए।
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# क्यों होना चाहिए- दोनों का करियर लगभग एक तरह का रहा है
यह नकारने योग्य बात बिलकुल नहीं है कि ब्रॉक लैसनर ने जहां भी कदम रखे हैं उन्हें वहां सफलता ही मिली है। 2002 में अपना मेन रोस्टर डेब्यू करने के कुछ समय बाद ही उन्होंने बड़े-बड़े दिग्गजों के पसीने छुटा दिए थे लेकिन कुछ साल बाद ही उन्होंने UFC का रुख किया और वर्ल्ड चैंपियन भी बने।
दूसरी ओर बॉबी लैश्ले की बात करें तो उनका करियर भी कुछ हद तक द बीस्ट से मेल खाता है। WWE छोड़ने के बाद उन्होंने भी MMA में हाथ आजमाए और सफल भी साबित हुए परंतु साल 2018 में उनकी WWE रिंग में वापसी हुई।
दोनों के पास अच्छी ताकत है, मूव्स हैं और दोनों MMA बैकग्राउंड से आते हैं। यही सबसे बड़ा कारण है जो दर्शाता है कि इनके बीच फाइट जरुर होनी चाहिए।
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# क्यों नहीं होना चाहिए- दोनों की माइक स्किल्स अच्छी नहीं हैं
लैसनर और लैश्ले ऐसे एथलीट हैं जो अपने प्रतिद्वंदी को चंद मिनटों में धूल चटा सकते हैं और उनके पास टैलेंट है इसी कारण उन्हें इस रेसलिंग वर्ल्ड में सफलता मिली है। मगर सबसे बड़ी समस्या इनके साथ यह है कि माइक स्किल्स दोनों की औसत से भी कमजोर हैं।
द बीस्ट को प्रोमो देते हुए कम ही देखा जाता है, इसलिए अच्छे प्रोमो बात ना ही करें तो बेहतर होगा। यही समस्या लैश्ले के साथ भी है।
दोनों के बीच मैच तो अच्छा हो सकता है लेकिन इससे पहले स्टोरीलाइन बिल्ड-अप पर भी ध्यान देना होता है, इसलिए माइक पर इनका बेहतर ना होना फैंस के मन में ऊब की भावना पैदा कर सकता है। हालांकि लैसनर के पास पॉल हेमन हैं किंतु बॉबी इस मामले में अकेले से पड़ते दिखाई दे रहे हैं।
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# क्यों होना चाहिए- कभी नहीं लड़ा गया मैच
WWE एक ऐसी जगह है जहां केवल रेसलर्स के ही नहीं बल्कि फैंस के भी सपने पूरे होते हैं। इसलिए द बीस्ट और बॉबी लैश्ले की भिड़ंत को करोड़ों रेसलिंग फैंस किसी ड्रीम मैच का दर्जा दे रहे हैं। ब्रॉक चाहे पूर्व WWE चैंपियन रहे हों या फिर पूर्व UFC चैंपियन लेकिन मौजूदा रोस्टर में लैश्ले भी सबसे बेस्ट एथलीट्स में से एक हैं।
दोनों काफी सालों से प्रो रेसलिंग वर्ल्ड से जुड़े हुए हैं, दुर्भाग्यवश इनके बीच कभी भी WWE रिंग में कोई फाइट नहीं लड़ी गई है। एक तरफ लैसनर हैं जो केवल अपने प्रतिद्वंदी को क्षति पहुंचाना जानते हैं, तो वहीं दूसरी ओर लैश्ले भी हार मानने वालों में से बिलकुल नहीं हैं। इसलिए यह संभवतः एक ऐसी फाइट होगी जिसे देख फैंस के एक बार के लिए रोंगटे खड़े हो जाएंगे।
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# क्यों नहीं होना चाहिए- दोनों हील सुपरस्टार्स हैं
ब्रॉक लैसनर अपने करियर के शुरुआती दिनों से ही हील सुपरस्टार का किरदार निभाते आ रहे हैं और आज वो उस स्थिति में पहुंच चुके हैं जहां से उनका बेबीफेस बनना असंभव है। दूसरी ओर बॉबी लैश्ले के बारे में बात करें तो 2018 में उन्होंने एक बेबीफेस सुपरस्टार के रूप में ही वापसी की थी मगर यह किरदार उनपर सूट नहीं कर रहा था।
दोनों का हील होना इस बात की गारंटी नहीं देता कि कितने लोगों को यह स्टोरीलाइन पसंद आएगी। यदि फ्यूड ही सफल नहीं होगी तो इसकी शुरुआत का भी कुछ महत्व नहीं रह जाता।
इस सब के बावजूद इनमें से किसी एक को बेबीफेस बनना पड़ा तो WWE क्रिएटिव टीम से फैंस का हमेशा के लिए विश्वास उठ जाएगा।
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# क्यों होना चाहिए- मेन इवेंट सीन के हैं हक़दार
जब साल 2018 में बॉबी लैश्ले की WWE में वापसी हुई तो ऐसा लगने लगा था जैसे उनका भविष्य अब सुरक्षित हाथों में है। परंतु धीरे-धीरे चीजें बदलने लगी और लैश्ले एक टॉप-कार्ड सुपरस्टार से बन गए एक मिड-कार्ड रेसलर।
इसी मिड-कार्ड सफ़र के दौरान वो 2 बार इंटरकॉन्टिनेंटल चैंपियन भी बने मगर कभी वह रुतबा हासिल नहीं हुआ जिससे वो किसी पीपीवी को हेडलाइन कर सकें। जो दूसरी फ्यूड ना कर पाई वो मौजूदा यूनिवर्सल चैंपियन के साथ स्टोरीलाइन जरुर कर सकती है।
हाल ही में ब्रॉन स्ट्रोमैन के साथ बॉबी लैश्ले की स्टोरीलाइन को WWE यूनिवर्स द्वारा काफी सराहना मिल रही थी। यानी यह बात तो साफ़ है कि यह सुपरस्टार मिड-कार्ड डिवीज़न से कहीं अधिक का औदा रखता है, उन्हें बस जरुरत है तो कुछ मौकों की।
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