MATCH | RUNS | BF | 4s | 6s | SR | OVERS | MO | RC | WKTS | ECO | EX |
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IND vs ENG | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 10 | 0 | 84 | 0 | 8.40 | 1 |
IND vs ENG | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 9 | 0 | 68 | 0 | 7.56 | 1 |
IND vs ENG | 0 & 3 | 15 & 9 | 0 & 0 | 0 & 0 | 0.00 & 33.33 | 6 & 6.2 | 1 & 1 | 16 & 25 | 0 & 2 | 2.67 & 3.95 | 0 & 0 |
IND-A vs AUS-A | 15 & 0 | 78 & 4 | 1 & 0 | 0 & 0 | 19.23 & 0.00 | 14 & 2 | 2 & 0 | 41 & 4 | 0 & 0 | 2.92 & 2.00 | 0 & 0 |
INDIA vs AUS | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 10 | 0 | 57 | 1 | 5.70 | 0 |
GAME TYPE | M | INN | RUNS | BF | NO | AVG | SR | 100s | 50s | HS | 4s | 6s | CT | ST |
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ODIs | 63 | 21 | 118 | 188 | 12 | 13.11 | 62.76 | 0 | 0 | 19 | 10 | 0 | 9 | 0 |
TESTs | 7 | 8 | 54 | 185 | 0 | 6.75 | 29.18 | 0 | 0 | 26 | 6 | 0 | 3 | 0 |
T20Is | 21 | 2 | 20 | 20 | 1 | 20.00 | 100.00 | 0 | 0 | 16 | 2 | 0 | 8 | 0 |
T20s | 99 | 22 | 125 | 138 | 12 | 12.50 | 90.57 | 0 | 0 | 17 | 12 | 0 | 26 | 0 |
LISTAs | 73 | 28 | 167 | 272 | 14 | 11.92 | 61.39 | 0 | 0 | 25 | 13 | 0 | 11 | 0 |
FIRSTCLASS | 33 | 43 | 866 | 2061 | 4 | 22.20 | 42.01 | 1 | 6 | 117 | 108 | 6 | 14 | 0 |
GAME TYPE | M | INN | OVERS | RUNS | WKTS | AVG | ECO | BEST | 5Ws | 10Ws |
---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
ODIs | 63 | 61 | 561 | 2930 | 105 | 27.90 | 5.22 | 6/25 | 1 | 0 |
TESTs | 7 | 12 | 177.1 | 620 | 26 | 23.84 | 3.49 | 6/119 | 2 | 0 |
T20Is | 21 | 20 | 75.3 | 537 | 39 | 13.76 | 7.11 | 5/24 | 1 | 0 |
T20s | 99 | 96 | 345.3 | 2607 | 120 | 21.72 | 7.54 | 5/17 | 2 | 0 |
LISTAs | 73 | 71 | 646 | 3308 | 119 | 27.79 | 5.12 | 6/25 | 2 | 0 |
FIRSTCLASS | 33 | 54 | 1019.4 | 3719 | 123 | 30.23 | 3.64 | 9/120 | 6 | 0 |
कुलदीप यादव एक भारतीय फिरकी गेंदबाज हैं, जो अपनी गेंदबाजी शैली के कारण चाइनामैन गेंदबाज के रूप में जाने जाते हैं। उनका जन्म 14 दिसंबर 1994 को उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुआ था।
वह लेफ्ट आर्म स्लो चाइनामैन गेंदबाज हैं और क्रॉस सीम गेंद डालने में सक्षम हैं, जो दोनों तरफ घूमती है। इस वजह से बल्लेबाजों को उनकी गेंद खेलने में परेशानी होती है। इसके अलावा, वह अपनी स्लो डिलिवरी के लिए भी जाने जाते हैं, जो बल्लेबाजों को आक्रमण करने का लालच देती है।
कुलदीप यादव जब कानपुर की एक क्रिकेट अकादमी में शामिल हुए तो उन्होंने तेज गेंदबाज के रूप में अपने क्रिकेट की शुरुआत की थी। हालांकि, बाद में कोच कपिल पांडे ने उनसे तेज गेंदबाजी छोड़ने का आग्रह किया और उन्हें बाएं हाथ की कलाई से स्पिन गेंदबाजी करने के लिए प्रशिक्षित किया।
कुलदीप ने खुद स्वीकार किया था कि एक नई गेंदबाजी शैली को अपनाना आसान नहीं था। उन्हें इस शैली में ढलने में वक्त लगा था लेकिन आखिरी में उन्होंने महसूस किया था कि यही शैली उन्हें आगे जाकर सफलता दिलाएगी।
2012 में उन्हें आईपीएल की फ्रैंचाइजी मुंबई इंडियंस ने खरीद लिया था। हालांकि, दो साल के दौरान उन्हें कभी भी टीम का हिस्सा बनने का मौका नहीं मिला।
उन्होंने 2014 में कोलकाता नाइट राइडर्स के साथ अनुबंध किया लेकिन वहां भी उनके साथ वैसा ही हुआ, जो मुंबई के साथ हुआ था। 2016 तक उनकी प्रतिभा को नजरअंदाज किया गया था। हालांकि, उसके बाद उन्हें मौका मिला।
उन्हें वेस्टइंडीज के खिलाफ अक्टूबर 2014 में भारतीय टीम में शामिल करने के लिए चुना गया था लेकिन उन्हें एक भी मैच में मौका नहीं मिला था। उन्होंने लगभग 3 साल बाद अपनी शुरुआत 25 मार्च 2017 को धर्मशाला में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट मैच से की थी। उन्होंने पहली पारी में चार विकेट लिए और भारत ने यह मैच 8 विकेट से जीत लिया था। इसके लिए उन्हें पुरस्कृत भी किया गया था।
कुलदीप का नाम तब पहचाना गया, जब वह 2014 आईसीसी अंडर -19 क्रिकेट विश्व कप में भारत के सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बने। उन्होंने टूर्नामेंट में छह मैचों में 14 विकेट लिए। इसके साथ ही वह टूर्नामेंट में संयुक्त रूप से दूसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज साबित हुए।
वह अपने डेब्यू मैच में गेंदबाजी नहीं कर पाए थे क्योंकि भारी बारिश के कारण मैच रद्द कर दिया गया था।
जून 2017 में राष्ट्रीय टीम में प्रवेश करने के बाद उन्होंने कोलकाता में हुए वनडे में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हैट्रिक के साथ टीम में अपनी उपस्थिति मजबूत की।
कुलदीप यादव नियमित रूप से टीम में चयन न होने की परेशानी से जूझे थे। राष्ट्रीय टीम के साथ मैदान में आने से पहले ही चयनकर्ता उन्हें अक्सर नजरअंदाज कर देते थे।
आईपीएल में चार साल में मुंबई इंडियंस और केकेआर की तरफ से कोई मैच खेलने का मौका न मिलने के बाद उन्होंने कोलकाता नाइटराइडर्स के साथ अनुबंध किया। उन्होंने केवल 3 मैच खेले लेकिन वह 6 विकेट लेने में सफल रहे।
वह चेतन शर्मा और कपिल देव के बाद वनडे इंटरनेशनल में हैट्रिक लेने वाले तीसरे भारतीय गेंदबाज हैं। वह टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण पर चार विकेट हासिल करने वाले तीसरे चाइनामैन गेंदबाज हैं।
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